आज छिंदवाड़ा से नागपुर जाते हुए बांस के इस वन से जब गुजरना हुआ तो गाड़ी रोक कर इनके साथ समय बिताने से खुद को रोक नहीं पाया।।
घास और बांस दोनों ही हरे होते हैं लेकिन इन दोनों में एक गजब का अंतर होता है।।
घास बहुत जल्दी बढ़ती है और धरती को बहुत ही कम समय में हरा भरा कर देती है , लेकिन बांस का बीज जल्दी नहीं बढ़ता।
लगभग पांच साल लगते हैं बांस के बीज से एक छोटा-सा पौधा अंकुरित होने में।
घास की तुलना में यह बहुत छोटा और कमजोर होता है। लेकिन केवल 6 माह के भीतर ही यह छोटा-सा पौधा कई फीट लंबा हो जाता है।
इसका कारण यह है कि पांच सालों में इसकी जड़ इतनी मजबूत हो जाती है यह कि 100 फिट से ऊंचे बांस को संभाल सके।
बांस से हम यह सीख सकते हैं कि जब भी जीवन में संघर्ष करना पड़े तो इसका इतना सा मतलब है कि जड़ मजबूत हो रही है।
संघर्ष व्यक्तित्व को मजबूती देता है जिससे हम आने वाली सफलता की आंधी को थाम सकें उसका आनंद ले सकें।।
- MJ