मैं सौभाग्यशाली रहा हूँ कि बचपन से ही मेरी मित्र मंडली में कोई न कोई मुस्लिम मित्र अवश्य ही रहा है जिससे इस्लामिक मान्यताओं और इस्लाम से जुड़े लोगों और त्योहारों को नज़दीक से जानने का अवसर मिला. प्राइमरी स्कूल में इरफ़ान , गुफ़रान और मोतीउर्रहमान से मित्रता हुई. मोती अभी एक मस्जिद में मोमिन है. बाद कॉलेज के दिनों में तो मैंने मोती से बक़ायदा उर्दू की बेसिक शिक्षा भी ली.
मिडिल स्कूल में भाई समीर क़ुरैशी से मित्रता हुई जो अभी तक अनवरत जारी है. जब इंदौर आया तो सबसे पहले शानू भाई से मित्रता हुई. इमरान भाई कमाल के कपड़े सिलते हैं जिनसे मित्रता के एक दशक से ज़्यादा पूरे हो चुके हैं. हारून हमारा सिक्योरिटी हेड है लेकिन परिवार का सदस्य ही कहना ज़्यादा ठीक रहेगा. जिम जाना शुरू किया तो इलयास भाई से मित्रता हो गई. और स्टूडेंट्स तो कई हैं जिन्हें मैं मित्र कहना ही ठीक समझता हूँ .
आज बड़ी ईद है. जब मैं स्कूल में था तो रियाज़ भाई के यहाँ से न्योता आता था और जब बड़ा हुआ तो भाई समीर के यहाँ से. रियाज़ के यहाँ तो हम सेवइयाँ खाने जाते थे लेकिन समीर के घर तो अम्मी बिना खाना खाए वापस आने ही नहीं देती थी, कहतीं थीं मोहन आया है, कृष्ण कन्हैया, तो भोग लगाए बिना कैसे जाने दूँगी. अलग से मेरे लिये दाल और चाँवल पकाए जाते थे. अपार स्नेह मिलता था.
बहरहाल ईद मिलाद-उन-नबी को ईद-ए-मिलाद के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म में ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. ईद मिलाद-उन-नबी इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी अल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाने वाला एक खास इस्लामिक त्योहार है. इस दिन मुस्लिम समुदाय में विशेष प्रार्थनाएं, समारोह और जश्न मनाए जाते हैं. लोग मस्जिदों में जाकर प्रार्थना करते हैं, और पैगंबर मुहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद करते हैं.
मैंने पैग़म्बर साहब को खूब पढ़ा है. आइये आज के दिन उनकी कुछ शिक्षाओं को याद करें -
- पड़ोसियों का ख्याल
वो इंसान कहलाने के लायक़ नहीं है जिसका पेट भरा हो, जबकि उसके पड़ोसी भूखे सो रहे हों. - सादा जिंदगी
उन लोगों को देखो जो आपसे कमतर हैं, न कि उन लोगों को जो अपने से बेहतर हैं. - खुश रहना खुश रहो और सबको सकारात्मक महसूस करवाओ.
- साफ-सफाई साफ-सफाई और अच्छी सेहत को पैग़म्बर साहब ने इस्लाम का अहम हिस्सा बताया है.
- सदका कमाई का 2.5 फीसद दान करना फर्ज है.
- अच्छा व्यवहार (अखलाक) पैग़म्बर साहब के अनुसार सब से अच्छा व्यवहार करना इंसानियत का पहला उसूल है.
ईद मुबारक़🌙🌙
✍️एमजे
1 टिप्पणी:
अद्भुत ! गुरु जी 🙏
हैं और भी दुनिया में शिक्षक बहुत अच्छे,
कहते हैं कि MJ Sir का है अन्दाज-ए-बयां कुछ और'🙏🙏
सादर प्रणाम गुरु जी🙏
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