फिल्म भाग मिल्खा भाग में एक बेहद खूबसूरत सूफी गाना है “ओ रंगरेज़”.. जावेद बशीर और श्रेया घोषाल की जादुई आवाज़ में
इसे सुनिए, शर्त लगा सकता हूँ कि दुबारा सुने बिना नहीं रह पाएंगे. शंकर एहसान लोय
की तिकड़ी ने अद्भुत सुरों से सजाया है इस गाने को. और प्रसून जोशी ने क्रिएट किया
है शब्दों का मैजिक.
ओ रंगरेज़…
ओ रंगरेज़ तेरे रंग दरिया में
डूबना है बस तेरा बन के
नहीं रहना दूजा बन के
एक भी सांस अलग नहीं लेनी
खींच लेना प्राण इस तन के
हाय, नहीं रहना दूजा बन के
डूबना है बस तेरा बन के
नहीं रहना दूजा बन के
एक भी सांस अलग नहीं लेनी
खींच लेना प्राण इस तन के
हाय, नहीं रहना दूजा बन के
अपने ही रंग में मुझको रंग दे
धीमे धीमे रंग में मुझको रंग दे
सोंधे सोंधे रंग में मुझको रंग दे
रंग देना, रंग देना, रंग दे… ना…
धीमे धीमे रंग में मुझको रंग दे
सोंधे सोंधे रंग में मुझको रंग दे
रंग देना, रंग देना, रंग दे… ना…
इस गाने को समझने के लिए ये जानना ज़रूरी है कि ये रंगरेज़ कौन है? और किस सन्दर्भ में यहाँ रंगरेज़ शब्द का उपयोग किया गया है.
रंगरेज़, शब्द फारसी भाषा का है जिसका अर्थ है रंग में रंगने वाला.
प्राचीन समय में भारत का नील और रंगों का व्यापार पूरी दुनिया में हुआ करता था. इरान,
इराक और मिश्र में भी हमारा व्यापार होता था. वहां के लोगों द्वारा
ही हमे रंगरेज कहा जाता था. जिसका अर्थ कपडे रंगने वाले होता है.
रंगरेजों के
पूर्वज मुशरिक थे. तनु वेड्स मनु के एक गाने में जो महान वडाली बंधू की कंपोज़ की
हुई कवाली है, जिसमें कुछ लाइनें आती है – “मेरा मुशरिक तू, मेरा
मग़रिब तू”. मुहम्मद बिन कासिम के सिंध के राजा दाहिर को पराजित करने के बाद 9वी
10वी शताब्दी में मुस्लिम समुदाय के संपर्क में आने के बाद तथा सूफी संतो से
प्रभावित होकर इन लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया.
लेकिन सुफिस्म में रंगरेज़ शब्द का उपयोग एक अलग ही ढंग से किया जाता
है उस एक व्यक्ति के लिए जिसने आपको अपने रंग में रंग दिया हो या आप जिसके रंग में
रंग जाना चाहते हैं. आप जिसके प्रेम में हों उसके लिए रंगरेज़ शब्द का उपयोग करते हैं. गुलाम फरीद खुदा के लिए रंगरेज़ शब्द का उपयोग करते हैं तो
रूमी इस रहस्यमयी संसार को चलाने वाली उस परम शक्ति को रंगरेज़ कहते हैं.
कबीर ने
गुरु को रंगरेज़ कहा है. अपने एक पद में कबीर लिखते हैं “सद्गुरु मेरे रंगरेज़ मेरी
चुनर रंग डाली.” यहाँ रंगरेज़ गुरु हैं और चुनर का अर्थ आत्मा से है.
तो रंगरेज़ का एक अर्थ निकलता है ऐसा शख्स जो आपकी आत्मा को रंग दे
अपने ही रंग में.
सूरदास अपने एक पद में श्री कृष्ण को रंगरेज़ कहते हैं और रंग जाना चाहते हैं उनके ही रंग में :-
“श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ।
ऐसी रंग दे, के रंग नहीं छुटे ।
धोबिया धोये चाहे सारी उमरिया ॥
ऐसी रंग दे, के रंग नहीं छुटे ।
धोबिया धोये चाहे सारी उमरिया ॥
लाल ना रंगाऊं मैं तो, हरी ना रंगाऊ।
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया ॥“
तनु वेड्स मनु में वडाली बंधु का गाया गाना एक बेहद खूबसूरत सूफियाना कलाम है “ ऐ रंगरेज़” इसमें एक जगह राज शेखर लिखते हैं- रंगरेज़ तूने अफ़ीम क्या है ख़ाली जो मुझसे पूछे कौन सा रंग, रंगों का कारोबार है तेरा तो तू ही ये जाने कौन सा रंग..
ये रंगरेज़ गुरु है और ये अपने मन को रंगाने आया शिष्य है जो कहता है क्या सीखाना है ये तू जाने क्या सीखना है ये मैं कैसे बता सकता हूँ. फिर वो कहता है -
मेरा बालम रंग , मेरा साजन रंग
मेरा कातिक रंग, मेरा अगहन रंग
मेरा फागुन रंग, मेरा सावन रंग
पलपल रंगते रंगते मेरे आठों पहर मन भावन रंग.
मेरे देखे कुछ चीज़ें समझने से ज्यादा महसूस करने की होती हैं. तो
रंगरेज़ को समझने से ज्यादा अच्छा है महसूस करके देखा जाए. तो ढूंढें उस एक को जिसके
रंग में आप रंग जाना चाहते हैं. अपने रंगरेज़ को. और तब तक वडाली बंधुओं की आवाज़
में खो जाइए और रंग जाइए राजशेखर जी के शब्दों के रंग में इस क़व्वाली के साथ. यू ट्यूब
पर उपलब्ध है :
ऐ रंगरेज़ मेरे, ऐ रंगरेज़ मेरे,
ये बात बता रंगरेज़ मेरे
ये कौन से पानी में तूने कौन सा रंग घोला है
के दिल बन गया सौदाई....
✍️MJ
39 टिप्पणियां:
ये दोनों सूफियाना कलाम ही-- ओ रंगरेज़....(भाग मिल्खा भाग), ऐ रंगरेज़ मेरे...(तनु वेड्स मनु)...अद्भुत है!!....स्वर संगीत और शब्दरचना तीनो का अद्भुय संगम रूह को सुकून देने वाला है।
साथ ही #sir राहत फ़तेह अली खान का coke studio में गाया Rangrez भी लाजवाब है!! वक़्त निकाल कर आनंद लें।
Bahut hi shaandaar guru ji
Nice post sir .. Prem aur ibadat ko lekar apke jo vichar hai vo ajkl birle hi milte hain.... Achha lga is geet ko apne utni hi gahrai se samjha sayad jis tarah maine samajhne ka prayas kiya .... .. Wadali brothers ka ek geet aur hai jo isi tarah prem ki prakastha ko dikhata hai bol kuch aise hai...... Tu mane ya na mane dildara hasa ke tenu rab maniya.... Swayam ko bhul kar har kisi ko khush dekhna aur prem karna yaha yah prem apka apne parivar jano se ya kisi aur se ho sakta hai.... Vastav me ishwar ki sachhi aradhna hai... Ant me apke utkrashta lekhan ke liye sadhuvad
शुक्रिया अभिषेक।।
शुक्रिया मित्र।। जुड़े रहें,पढ़ते रहें।।
थैंक्स अ लॉट पवन।।
अतिसुन्दर लेख गुरूजी
Sir aap shabdo k bahot gyani h.. Aapki har shabd pr bahot jabardast pakad h.. Aapke shabdo ka uchharan bhi bahot clear rahta.. Aapki videos k kafi doubts clear hojate h..
Thank u sir
Bahut accha likha hai... Shabdo ko kya piroya hai aur ek dusre see samnvay banate huye jo arth samjhaya hai adbhut hai...
बहुत अच्छा लेख
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You are doing outstanding work for Indian society thanks sir..
अद्भुत विचार शुक्रिया
Bahut hi sundar sir...
प्रणाम गुरुदेव,
आप मेरे द्रोणाचार्य जरूर से कम नहीं है। मै अभी कंप्यूटर साइंस 2nd वर्ष का छात्र हूं। और मैं एक छोटे से गांव एक छोटे से परिवार एक छोटे से गरीब तबके के समाज से ताल्लुकात रखता हूं। और एक गांव के होने के कारण मैं उन सारी सुख सुविधा वो सारी बाहरी दुनिया से दूर रहा हूं, इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद गांव से शहर आया की आगे की पढ़ाई किसी अच्छे से महाविद्यालय से करूं और यहां करने कुछ और आया था, हो कुछ और रहा है। यहां बड़ा शहर है तो मैं यहां जितनी भी मेरे द्वारा व्यय होता है उसका खर्च उठाने के लिए मेरे माता पिता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, इसीलिए कुछ महीनो से मैं कोई काम की तलाश कर रहा हूं।इससे देख रहा हु की मेरे पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अभी मैं एक छोटे से उम्र में करूं तो क्या करूं,जिससे की आगे की पढ़ाई भी न रुके और मैं घर वालो के ऊपर भी एक बोझ की तरह न रहूं।
महोदय,
आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरा मार्गदर्शन करने की कृपा करे। आपको कोटि कोटि प्रणाम।
Bahut shandaar gurujii
Adbhut कनेक्टिविटी h गुरुजी।
धन्यवाद सर जी आप ऐसे ही हमे मार्गदर्शन करते रहे और हा सर जी क्या इसके लिये कोई app भी आपने बनाया है जिस से यह हम पढ सके
Kya khub guru ji nyc
👏👏
Sir mere to rang raze aap hi h
In my opinion Mushrik/Mashrik means East and Maghrib means West.
बहुत ही सरलता से आप ज्ञान की बातें हम लोगो तक पहुँचते हैं sir, जब भी आपके link ya video open करती हूँ कुछ नया ही सीखने को मिलता है पर कुछ अज्ञानी लोग यहाँ भी अपने advertisment करते हुए अपनी अज्ञानता का परिचय देते है.
Sir jab tak aap hai mujhe nahi lagta koi student asafal ho jaye
Sir mujhe mp adpo ki tyyari krni h or bar council m registration ki kynprocess h plzz sir margdrsn kijiye,
🙏🙏🙏
अद्भुत सर जी
Bahut shandar sir
गागर में सागर 🙏🙏🙏
🙏Pranam Gurudevji🙏 Aapka ye lekh bahot hi khubsurat hai aapne Rangrez shabd ka arth bahot hi sundar tarike se explain kiya hai jo ruh ko chu jata hai ek wo pita parmeshwar uske hi rang mai mai hum sab rang jaye jo rang kabhi na chutane pakka our sacha rang ishwar se prem ka rang ruhani sukun deta hai hajar khushiyan bhi uske samne fiki hai zindagi ka sach yehi hai iss ruh ko uss parampita se prem ho our aatma se parmatma ka milan ho bas yehi sacha sukh hai 🙏Rang tere nam ka yaisa chadhe ki kabhi na utare ass tere prem ki kabhi na tute vishwas jo hai tujhpe wo kabhi na chute bas yehi duwa mangate hai rab tera hath iss hath se kabhi na chute 🙏🌹🇮🇳Jai hind🌹🇮🇳🙏Gurudaeji Thank u very mouch👌👍👏💐💐💐
Nice line u are my inspiration sir
sir apki sari vedioes full inspirational rhti h aur mai bahut inspir hoti hu apki vedioes se,sach me apne is geet ka najariya sahi sandarbh me dikhya apne lines k madhyam se smjhaya h apme ,sath me hi shri krishna k sandarbh ko varsity kiya h
thanks a lot sir
Good morning sir ����..Very nice line sir.You are so awesome and you are my inspiration.
Sir mai kaise apse contact kr skti hu plz guide me sir apki toh nob v nahi hai YouTube per plz sir guide me
Mujhe bpsc Judiciary ki preparation krni hai sir plz apni address hi bta dijiye
Bhut shandaar sir
It's Very Nice Beautiful
Sir,my name is Ankit yadav and I am a medical student.but medical stream is my professional career.but I want become a good advocate as passion..so,pls aap se haath jodkar request hai ki mujhe guide kr dijiye.
Mai aasha karta hun ki aap mere request ko aap accept karenge and reply bhi karenge.... thankyou sir
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