Diary Ke Panne

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

किताबें और मैं





आज कई दिनों बाद इस प्लेटफार्म पर वापस लौटा हूँ... पिछला एक वर्ष यहाँ कुछ भी नहीं लिखा.. आखिरी आलेख 29 अप्रैल को लिखा था जब हैदराबाद कि सुखद यात्रा से लौटा था एक ऐसी यात्रा जो जीवन भर याद रहेगी.

 लेकिन ऐसा नहीं है कि लिखता नहीं रहा हूँ. पिछले वर्ष कुल जमा मेरी लिखी चार किताबें प्रकाशित हुईं...एक मित्र कि प्रेरणा से you tube पर लगातार विडियो डालता रहा. स्वयं के साथ कई सुखद यात्राएं की, जिनके बारे में समय समय पर लिखता रहूँगा. कुछ एक रिसर्च पेपर भी लिख डाले जिनको मालिक की मर्जी से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में जगह मिली. ऑक्सफ़ोर्ड हो आया. वस्तुतः जीवन इतना तेज गतिमान रहा कि यहाँ आने के लिए समय नहीं निकाल पाया.

जैसा किसी ने कहा है लिखना स्याही नहीं लहू मांगता है.. लेकिन मेरे देखे डायरी या संस्मरण लिखना बीते हुए समय को फिर से जीने के सामान है.     
    
तो आज के इस आलेख में बात करेंगे किताबों के बारे में.... किताबों से पहले पहल परिचय दादी की अलमारी से हुआ. उनके पास धार्मिक किताबों का संग्रह था... रामायण , गीता , रामचरित मानस और भी कई तरह कि किताबें. खैर इन किताबों को पढ़ा तो बहुत बाद में लेकिन हाँ रामचरित मानस शायद पहली किताब होगी, स्कूल की किताबों के अलावा जिसे पढ़ा था.

गर्मी कि छुट्टियों में हम ढेरों कॉमिक्स और नोवेल्स पढ़ते थे और लगातार पढ़ते रहते थे.. कॉमिक्स किराए पर लाये जाते थे जिनमें नंदन, चंदामामा, इंद्रजाल कॉमिक्स, मोटू पतलू , अमर चित्रकथा, चाचा चौधरी, पिंकी, बिल्लू, डोगा , परमाणु , सुपर कमांडो ध्रुव , नागाराज , तौसी , भोकाल,  बांकेलाल और न जाने क्या - क्या.

 क्यूंकि हम भाई इन्हें किराये पर लाते थे तो निश्चित समय में पढ़कर वापस करना होता था. शायद यहीं से नियत समय में पढ़ने  कि आदत लगी होगी ऐसा मालूम पड़ता है.

मुझे याद आता है कक्षा ग्यारह तक आते-आते बहुत कुछ नहीं पढ़ा था.. कक्षा बारह में पुस्तकों के प्रति रुचि जागी और इसका बाड़ा श्रेय श्री अनिल हर्जपाल जी को जाता है. अनिल भैया हमें फिजिक्स और मैथ्स पढ़ाते थे. उनके पास विज्ञान की किताबों का एक बड़ा संग्रह था.... यहाँ से पढने के प्रति रुचि जागी.

मेरी रुचि किस तरह कि किताबों में थी कभी तय नहीं कर पाया... ताऊ जी कि मृत्यु के बाद जीवन असार मालूम पड़ने लगा था.. बहुत कुछ जानने का मन करता था.... हज़ारों प्रश्न अनुत्तरित थे और लगता था जैसे किताबें इनका उत्तर देंगी.. सो मैं किताबों कि और मुड़ गया.

फिर तो जो कुछ मिला पढने लग गया. राजकमल प्रकाशन कि किताब घर योजना का सदस्य बना, एक स्थानीय पुस्ताकलय कि मेम्बरशिप ले ली, और मित्र मोहित कि दुकान से भी किताबें खरीद लाता. इस क्रम में रामधारी सिंह दिनकर’, निराला, प्रसाद, महादेवी, बच्चन, अज्ञेय, नागार्जुन आदि को पढ़ गया. बौद्ध और जैन दर्शन और भारतीय दर्शन पर कई किताबें पढ़ डालीं ...

फिर मिलना हुआ संतोष गंजीर भैया से उनके जरिये ओशो साहित्य से परिचय हुआ और मित्र राकेश साहू से मिलकर उपनिषदों  और वेदों को देखने और पढने का अवसर मिला.
  
एक बार भोपाल आना हुआ था और वहाँ से सेकंड हैण्ड बुक्स एकदम कम दाम में मिल गए...  लगा जैसे कि खजाना हाथ लग गया ऐसी ऐसी किताबें खरीद लीं जिनका नाम भी नहीं सुना था इनमें कबीर, फरीद , दुष्यंत, ग़ालिब, मीर, फ़ैज़ और फ़िराक़ तक शामिल थे. रदरफोर्ड का फिजिक्स और हाथरस से प्रकाशित संगीत पर कई किताबों के साथ ही पहली बार विदेशी लेखों कि रचनाएँ खरीदीं जिनमें टॉलस्टॉय , चेखव और गोर्की प्रमुख हैं...

जब KINDLE भारत में लॉन्च हुआ तो उसका वॉयेज खरीद लिया था लगभग तीन हज़ार किताबों के साथ आया था वो... लेकिन उसके साथ अब तक ठीक से दोस्ती हो नहीं पाई है... प्रिंटेड वर्शन हाथ में लेकर पढना  ही सुख देता है....

कानून कि किताबों के अलावा इन दिनों कई तरह कि किताबें पढ़ रहा हूँ... लगता है जैसे ये जीवन इन सबको पढ़ जाने के लिए कम पड़ेगा..
  
मेरा जीवन किताबों और उनके लेखकों का ऋणी है ... जीवन को देखने का नजरिया दिया है किताबों ने , जीवन को समझने कि बुद्धि दी है किताबों ने वस्तुतः जीवन को जीवन ही दिया है किताबों ने. 

आज विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में इतना ही... 

 - मन मोहन जोशी            

21 टिप्‍पणियां:

Yash g ने कहा…

Thnku Sir For Sharing your story and Your life with Your Books

Unknown ने कहा…

Nice

Garima ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

Nice sir

Unknown ने कहा…

I would like to be as like as you,,, you are an inspiration for me.

Ajay ने कहा…

Hi
How are you

Unknown ने कहा…

Fabulous sir.

Unknown ने कहा…

सर काय आप अपना नंबर दे सकते है

Unknown ने कहा…

Nice sir

Rajdeep ने कहा…

Good to know your wonderful experience with books.
Sir,I am a student of class XI and from assam.Your videos have motivated me a lot.

Unknown ने कहा…

Heard today about u..saw much informative v s videos at ytube...ur inspiring approach to life... Thanks

Rohit Sangulle ने कहा…

किताबें मतलब खज़ाना बिल्कुल सच कहा

Unknown ने कहा…

Kya aap apna number de sakte hain

Unknown ने कहा…

Please replay me

Jeevan ने कहा…

Theindianjustic.in

Unknown ने कहा…

❤️

Unknown ने कहा…

Santokh singh
Thanks sir

राजवीर सिंह ने कहा…

Sir
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1950 एवं
उस से संबंधीत सभी सांसोधनो सहित
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से सम्बंधित अधिनियम
पर विडियो डाल दीजिए
सर आप के द्वारा बताये गये सभी अधिनियम सरल भाषा मे होते है अच्छी तरह समझ पाता हूँ मुझे आशा है कि जल्द ही विडियो आ जायेगा

Unknown ने कहा…

❤️

Unknown ने कहा…

Thank you sir

Keshav pa ने कहा…

Sir got an inspiration from this, thank you sir,