ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। दस दिनी यह उत्सव इस वर्ष 5 सितंबर को शुरू हुआ और आज 15 सितंबर को इसका आख़िरी दिन है।
दिन की शुरुआत केरलियन मित्रों को शुभकामनाएँ देने से हुईं और रात हमने ओणम स्पेशल भोजन जो कि पारंपरिक केरल का भोजन होता है और यह केले के पत्ते पर ही परोसा जाता है , के साथ पर्व मनाया। इस विशेष थाली में कुल 26 व्यंजन परोसे जाते हैं जिसे साद्या कहा जाता है इसमें मेरे पसंदीदा अड़ा पायसम और रसम होते हैं वहीं श्रीमती जी को बेसिबीले खिचड़ी, उत्पम् और विभिन्न प्रकार की चटनियाँ पसंद आती हैं ।
अड़ा पायसम गुड़ की खीर होती है ।इसके अलावा इस थाली में मैदे से बनाई जाने वाली खीर जिसे पलाड़ा कहते हैं, गेहूं से बनने वाली खीर, जिसे गोदम्ब कहते हैं और अरहर की दाल सें बनने वाली खीर, जिसे पझम कहते हैं, भी शामिल होती है। इसके अलावा चावल, परिप्पु करी, पच्चड़ी, पुलुस्सरी, ओलन, कालन, चेन , खट्टा रायता, नारियल के पकवान , नीर डोसा और उत्तपम प्रमुख होते हैं ।
ओणम का उत्सव भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। उत्सव त्रिक्काकरा में केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से प्रारम्भ होता है। ओणम में प्रत्येक घर के आँगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुन्दर सुन्दर रंगोलिया डाली जाती हैं जिसे पूकलम कहा जाता है । युवतियां उन रंगोलियों के चारों ओर वृत्त बनाकर उल्लास पूर्वक नृत्य (तिरुवाथिरा कलि) करती हैं। इस पूकलम का प्रारम्भिक स्वरुप पहले (अथम के दिन) तो छोटा होता है परन्तु रोज़ इसमें एक और वृत्त फूलों का बढ़ा दिया जाता है। ऐसे बढ़ते बढ़ते दसवें दिन यह पूकलम बड़े आकार को धारण कर लेता है। इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा बलि तथा उसके अंग-रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिटटी से बनायीं जाती है। ओणम में नौका दौड़ जैसे खेलों का आयोजन भी होता है।
ओणम एक सम्पूर्णता से भरा हुआ त्योहार है जो सभी के घरों को सुखों से भर देता है।
यह अथम से शुरू होता है और थिरुवोनम के साथ समाप्त होता है. आठ अन्य उत्सव के दिन चिथिरा, चोडी, विशाकम, अनिज़म, थ्रिकेता, मूलम, पूरादम और उथ्रादोम हैं.
मेरे मन में है कि किसी वर्ष इन दस दिनी उत्सव के दौरान केरल में रहूँ और ओणम को जी भर कर जी लूँ । समझूँ इस समृद्ध संस्कृति को और संजो लूँ इस विरासत को।
✍️एमजे
2 टिप्पणियां:
ओड़म जैसे ऐतिहासिक पर्व के बारे में थोड़ा बहुत तो पता था पर आपका ब्लॉग पढ़ कर बहुत ही ज्ञान वर्धक जानकारी प्राप्त हुई सर 🙏🙏
सहृदय धन्यवाद एवं आभार गुरु जी🙏
सादर प्रणाम 🙏
Sir, I got to know something new about this festival
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