Diary Ke Panne

रविवार, 6 अक्टूबर 2024

कल रात जहां मैं था…









देश में नवरात्रि की धूम है, माता रानी के दरबार और दुर्गा पंडालों में गरबे… और उसपर इंदौर टॉक द्वारा सजाया गया गरबा ग्रूव. कल रात मैं सपरिवार यहीं इसी कार्यक्रम का हिस्सा बना, गवाह बना. 

जब ज़िम्मेदारी के पौधे में कर्तव्य के पुष्प पल्लवित होते हैं तो उसकी सुगंध कैसी होती है ये महसूस करना हो तो इंदौर टॉक के किसी भी कार्यक्रम में पहुँच जाइए.. अतुल और आशीष भाई द्वारा कसे हुए कार्यक्रम कैसे आयोजित किए जाते हैं? कार्यक्रम में पारिवारिक माहौल के बीच भव्यता को कैसे सजाया जाता है? सुरक्षा को कितना महत्व दिया जाना चाहिये..आदि-आदि कई बातें हैं जो इनके इवेंट से समझी और सीखी जा सकती हैं. सबसे महत्वपूर्ण किसी भी सेलिब्रिटी से ज़्यादा महत्वपूर्ण परिवार और स्थानीय मित्र होते हैं ये बात सिर्फ़ और सिर्फ़ इंदौर टॉक के कार्यक्रमों में ही देखने को मिलती है.

कल का कार्यक्रम भी कुछ ऐसा ही अद्भुत था. मैरियट होटल के लॉन में सजा था गरबा पंडाल और कार्यक्रम की शुरुआत माँ की भव्य आरती से की गई.. फिर हनुमत पथक का मंत्र मुग्ध कर देने वाला और रोंगटें खड़े कर देने वाला ढोल वादन.. जिसमें युवा लड़के और लड़कियाँ अपने वज़न के बराबर ही वज़न का ढोल कमर में बांधे गणपति, दुर्गा और शिव की स्तुति करते हैं, अपने ढोल वादन से.. आपने इनके वायरल वीडियो देखे होंगे केदार नाथ और तुंग नाथ में वादन करते हुए. कुल 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं हनुमत पथक के नाम पर.

फिर शुरू हुआ लाईव म्यूजिक, और गरबा करते लोग घण्टों झूमते रहे आकांक्षा की आवाज़ और उनके ऑर्केस्ट्रा के संगीत पर. वैष्णवी ने क्या ही खूब संचालन किया!

अहा ! क्या तो आयोजन और क्या ही संयोजन… व्यावसायिकता के इस दौर में पारिवारिकता और शुचिता को महत्व देते इस तरह का आयोजन करने के लिए भाई साहब मोहन पांडे जी और इंदौर टॉक की पूरी टीम को साधुवाद… मुझे गर्व होता है कि हम तिवारी बंधुओं के स्नेह और सम्मान के पात्र हैं ❤️


 

कोई टिप्पणी नहीं: