28 दिसंबर 2024
रात 2:30 बजे ही बनारस से रीवा वापस आये हैं, अंग्रेजों के अनुसार प्रातः काल में और सनातनियों के हिसाब से ब्रह्मा मुहूर्त में. 3:00 बजे सोया होऊंगा और लो सुबह छ: बजे ही नींद खुल गई.
नीचे टहल आया और आते वक्त चाय भी भेजने को बोल आया हूँ. यूँ तो चाय पीना मेरी आदत में नहीं रहा लेकिन पिछले कई वर्षों से सुबह की चाय घर पर मैं ही बनाता हूँ..
चाय आ गई है और गर्म चाय के प्याले का आनंद लेते हुए मैं ये ब्लॉग लिख रहा हूँ… कल के थकान भरे दिन के बाद आज मैंने सोचा है किसी को भी नींद से नहीं जगाना है.
सुबह के आठ बज रहे हैं मैं ब्रेकफास्ट कर आया हूँ. हम रीवा के लैंडमार्क प्लाजा नाम के आलीशान होटल में रुके हुए हैं. होटल बहुत ही बढ़िया है, यहाँ का खाना शानदार है और रेस्तरां की मैनेजर ऋतु एक बेहतरीन मैनेजर है. चाय तो वो मेरे मन का बना ही रही है खाना और नाश्ता भी शानदार है. शुरुआत में कुछ समस्याएं आईं थी लेकिन जीएम साहब की तत्परता और फ्रंट ऑफिस मैनेजर गौरव की विनम्रता से सब कुछ सही हो गया.
अनमोल को फ़ोन लगा कर पूछता हूँ आज का क्या प्लान है?
अनमोल - आज हमें खैरुआ सरकार के दर्शन को जाना है. रास्ते में पूर्वा फाल पड़ेगा वहाँ रुकते हुए जायेंगे.
मैं - ओके हम 1:00 बजे तक तैयार रहेंगे.
दोपहर के 1:00 बज रहे हैं.. अनमोल आ गया है, वो बताता है कि आज प्रियांशु को ऑफिस में कुछ काम है इसीलिए वो नहीं आ पाया.
हम तिवारी जी के यहाँ से समोसे का आनंद लेते हुए पहले पूर्वा फाल पहुंचते हैं.. ये एक अद्भुत प्राकृतिक स्थान है.. mesmerisingly beautiful… पूर्वा फाल इतनी खूबसूरत जगह है कि इसकी ख़ूबसूरती पर मैं अलग से एक ब्लॉग लिख सकता हूँ. बहरहाल धुँध के चलते हम इसका पूरा मज़ा नहीं ले सके.. फिर आयेंगे पूर्वा.
दोपहर के 2:00 बज रहे हैं और हम निकल गए हैं खैरूआ सरकार के दर्शन के लिए. यह सतना जिले के अंतर्गत नागौद से कुछेक किलोमीटर दूर प्रकृति की गोद में बसा स्वयंभू हनुमान जी का एक मंदिर है. तिवारी परिवार यहाँ पर लगभग तीन सौ वर्षों से सेवारत हैं… इस परिवार की वर्तमान पीढ़ी के महंत सत्यम तिवारी लॉ ग्रेजुएट हैं और मेरे प्रिय हैं.. सत्यम ने भव्य पूजन का आयोजन किया है. अद्भुत ऊर्जा का केंद्र यह क्षेत्र हनुमत साधकों के लिए अप्रतिम है. पूजन के दौरान अपने भीतर मैं अद्भुत ऊर्जा का संचार महसूस करता हूँ और श्रीमती जी की आँखों से अविरल गंगा की धारा बहने लगती है. अनमोल, हनु को गोद में लिए हुए है और हम अब ऊर्जा के एक दूसरे ही आयाम मैं तैर रहे हैं.
अद्भुत, अप्रतिम, अहा !!
क्रमशः….
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