Diary Ke Panne

सोमवार, 3 जनवरी 2022

जनवरी और पिकनिक



जनवरी का मतलब पिकनिक और पिकनिक का मतलब जनवरी.... तो जनाब ये पिकनिक का क्या मतलब है? दोस्तों और परिवार जनों के साथ इकट्ठा होना, कहीं रमणीय स्थल पर जाना , खाना और घूमना।।

दिसंबर का महीना मेरे जीवन में केवल प्लानिंग का ही महीना होता था। स्कूली दिनों में होता ये था कि मेरे पास अलग -अलग ग्रुप हुआ करते थे या कहना बेहतर होगा कि मैं कई ग्रुप का सदस्य होता था ।। जैसे - संगीत सीखने जाता था तो वहां के मित्रों का एक ग्रुप, ट्यूशन के मित्रों का एक ग्रुप, स्कूल के पढ़ने वाले फ्रेंड्स का एक ग्रुप और  नहीं पढ़ने वाले मित्रों का एक ग्रुप🤐.

मेरे दोस्तों में हमेशा ही सभी उम्र के लोग शामिल रहे हैं मुझसे बहुत बड़े भी और बहुत छोटे भी...लड़के भी और लड़कियां भी। इसका मूल कारण शायद यही हो कि मैंने मित्रता में और शायद जीवन मे भी कभी भेद भाव नहीं किया, किसी को भी नहीं करना चाहिए।।

तो साल का शुरुआती हफ्ता हमेशा पिकनिकों से भरा होता था कम से कम तीन से चार पिकनिक।

 सभी पिकनिक यूं तो यादगार होती थी लेकिन साल 97 का पिकनिक कुछ ज़्यादा ही यादगार रहा। हुआ ये कि संगीत स्कूल वाले ग्रुप के साथ कैलाश गुफा जाने का प्लान बना (कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित है यह गुफा)। हम सभी संगीत साधक अपने शिक्षकों संध्या दीदी और रामदास सर के साथ सुबह तड़के ही चल दिये कांगेर घाटी की ओर।

कांगेर घाटी राष्ट्रीयउद्यान का नाम कांगेर नदी के नाम पर पड़ा  है, जो इसकी लंबाई में बहती है। कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है । जिसने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति प्राप्त की। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है । 


कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है जिसमे साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ बहुतायत में है। यहाँ की सबसे लोकप्रिय पक्षी की प्रजाति जो अपनी मानव आवाज के साथ सभी को मंत्रमुग्ध करती हैं वह बस्तर मैना है। राज्य पक्षी, बस्तर मैना, एक प्रकार का हिल माइन (ग्रुकुला धर्मियोसा) है, जो मानव आवाज का अनुकरण करने में सक्षम है। जंगल दोनों प्रवासी और निवासी पक्षियों का घर है।

वन्यजीवन और पौधों के अलावा, यह राष्ट्रीय उद्यान तीन असाधारण गुफाओं का घर है- कुटुम्बसर, कैलाश और दंडक-स्टेलेग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स के आश्चर्यजनक भूगर्भीय संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय उद्यान ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन के साथ भूमिगत चूना पत्थर की गुफाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। स्टेलेग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स का गठन अभी भी बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय उद्यान में गुफा, वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए आश्रय प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के पूर्वी हिस्से में स्थित भैंसाधार में रेतीले तट देखे जाते हैं जहां मगरमच्छ (क्रोकोड्लस पालस्ट्रिस) इसका उपयोग मूलभूत उद्देश्यों के लिए करते हैं।

बहरहाल हम बात कर रहे थे पिकनिक टू कैलाश के बारे में ।। तो हम सुबह समय पर निकल गए और गुफा भी घूम आए । लेकिन इससे पहले की गुफा से बाहर निकल कर मैदानी इलाके तक पहुंचते जहां हमें खाना पकाना और खाना था , तेज़ बारिश शुरू हो गई। हमारी गाड़ी जंगल के बीच फंस गई और हम सब बेतहाशा भीगने लगे । 

"ढलता सूरज , फैला जंगल, रस्ता गुम,                         हमसे पूछो कैसा आलम होता है? "  *

हम घने जंगल मे एक दिशा में चलते रहे । शाम घिर आई थी और जल्द ही रात होने वाली थी। हमने दिन भर से कुछ भी नहीं खाया था और पूरी तरह से भीग गए थे लेकिन चल रहे थे । ये नेशनल पार्क जंगली जानवरों का घर था और हमारे साथ लड़कियां और  महिलाएं भी थीं।।

 रात घिरते ही अचानक घने जंगल के बीच हमें एक झोपड़ी दिखाई देती है।। हम सब उसमें समा जाते हैं और ये जानकर अच्छा लगता है कि ड्राइवर ने गाड़ी से डीज़ल का कंटेनर निकाल कर रख लिया था और हम साथ कुछ पैक्ड स्नेक्स भी ले आये थे।। बड़ी मुश्किल से आग जलाई जाती है।। रात के 10 बज रहे हैं बारिश थमने का नाम नहीं ले रही । कुछ लोग बीमार हो गए हैं बुखार और उल्टी।। लग रहा था  अब हम लोग बचेंगे नहीं । सबकी बात सुनते हुए आग तापते कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।।

उस समय मोबाईल फ़ोन नहीं हुआ करते थे कि किसी को फ़ोन करके मदद मंगा सकें । लग रहा था हम लोग अब बचेंगे नहीं ॥ कई तरह के ख़्याल दिमाग़ में दौड़ रहे थे मैं सोच रहा था काश कहीं से पापा आ जाएँ, वो मेरे सूपर हीरो जो थे लगता था कुछ भी कर सकते हैं ॥ और ये सब सोचते सोचते नींद आ गई॥

सपने में देखा की पापा कई गाड़ियाँ लेकर हमें ढूँढने निकल पड़े हैं … और हमें ढूँढ भी लिया है मेरे कानों में ज़ोर से उनकी आवाज़ पड़ी । एक दमदार आवाज़ जिसमें प्रेम की पुकार थी । झोपड़ी की गीली ज़मीन पर लेटा हुआ मैं आँख खोलता हूँ तो क्या पाता हूँ कि रात के अंतिम प्रहर में पापा सामने खड़े हैं मैं उनसे लिपट जाता हूँ ॥ पापा बहुत सारा कुछ खाने का लाए हैं चोकलेट मिठाइयाँ, केक , ब्रेड वग़ैरह वग़ैरह और ये अब हक़ीक़त में हो रहा है .. हाँ ये सपना नहीं ॥ पापा कई गाड़ियों में हमें बचाने आए थे हम सब बच गए हैं ॥

और एक शानदार पिकनिक समाप्त होती है ॥

✍️MJ




9 टिप्‍पणियां:

Joshi komal ने कहा…

❤️❤️❤️

Joshi komal ने कहा…

SuperHero the savior Papa ❤️

Joshi komal ने कहा…

Super Hero,the Savior Papa

Unknown ने कहा…

शानदार

Unknown ने कहा…

it is a connection of heart to heart as a son or daughter is always heartbeat of a father that why both can feel each other call...

Unknown ने कहा…

🙏🙏🙏

Unknown ने कहा…

NYC👍👍👍

Unknown ने कहा…

Nice Sir .👍👍👍

Unknown ने कहा…

👍👍👍