Diary Ke Panne

शनिवार, 30 दिसंबर 2017

स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया- वर्ष का अंतिम दिन




आज वर्ष का अंतिम दिन है ...
 
            पिछले वर्ष आज ही के दिन मैंने इस ब्लॉग को लिखना शुरू किया था....देखता हूँ तो लगता है क्षण भर पहले ही तो पिछला साल आया था और पलक झपकते ही बीत चला. जीवन भी कुछ ऐसे ही बीत रहा है. क्या इसे ही बुद्ध ने क्षणिक वाद कहा है. कोई भी वस्तु या पदार्थ स्थायी नहीं है वह क्षण प्रति-क्षण परिवर्तित होती रहती है. बुद्ध ने इसकी तुलना दीपशिखा की लौ से की और कहा कि प्रत्येक पदार्थ अनित्य है, यह संसार अनित्य है. मेरे देखे यही क्षणिकवाद का सार है... पहले कहीं पढ़ा था आज अनुभूति हो रही है.

         समय सापेक्ष होता है अगर इसके सापेक्ष कुछ न हो तो हमें समय के बीतने का पता ही न चले. सुखद समय जल्दी बीत जाता है और दुःख का समय लम्बा होता है. लेकिन समय सुख का हो या दुःख का इसकी अच्छी आदत यह है की यह बीतता ज़रूर है.

        जब मैं छोटा था तो नए वर्ष का बेसब्री से इंतज़ार होता था क्यूंकि मेरा न्यू इयर सेलिब्रेशन सबसे लम्बा चलता था... शुरुआत, महीनों पहले पिकनिक की प्लानिंग से होती थी. कई यादें हैं. एक बार मैं अपने संगीत स्कूल के मित्रों के साथ पिकनिक पर गया था. वर्ष का पहला दिन हमने कांगेर घाटी नेशनल पार्क में मनाने का फैसला किया.. कांगेर घाटी नेशनल पार्क, छत्तीसगढ के बस्तर में स्थित है. कांगेर घाटी में वन देवी अपने पूरे श्रृंगार मे मंत्रमुग्ध कर देने वाली दृश्यावलियों को समेटे, भूमिगर्भित गुफाओ को सीने से लगाकर यूं खडी रहती है मानो आपके आगमन का इंतजार कर रही हो.

         उन दिनों मैं कक्षा 9 में पढता था. हम कांगेर घाटी नेशनल पार्क में कैलाश गुफा देखकर दोपहर तक भोजन पकाने व खाने हेतु  घने जंगले के बीच पहुँच गए... हमारे ग्रुप में लडकियां, बच्चे तथा वृद्ध भी थे. पूरी प्लानिंग हमारे शिक्षक रामदास वैष्णव सर के हाथों में थी. सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई. हम एक खुले ट्रक में गए थे.. जिसमें गद्दे बिछाए हुए थे . पानी ट्रक में भर रहा था और हम असहाय थे. अब सब कुछ हॉलीवुड फिल्म की तरह लग रहा था. घने जंगले में शाम घिरने को थी. जंगली जानवरों का डर और तेज़ बारिश. ड्राईवर गाड़ी घुमा कर बाहर की ओर  निकालने की कोशिश करने लगा. लेकिन गाडी कच्चे रस्ते में फंस गई.
सभी ने निर्णय लिया की गाड़ी को वहीँ छोड़ कर पैदल चलना चाहिए.लेकिन कितनी दूर चलना होगा ? क्या शाम ढलने से पहले बाहर निकल पाएंगे ?

         हम लोग बहुत देर चलते रहे .. पूरी तरह से भीग चुके थे. रास्ता नहीं सूझ रहा था कि  तभी फ़िल्मी स्टाइल में एक झोपड़ी दिख पड़ी ... हम सब झोपड़ी में समां गए.. अलाव जलाई गई.... और पता नहीं कब मुझे नींद आ गई ... आधी रात में मुझे लगा जैसे पापा पुकार रहे हों ( पापा हमारे रियल हीरो रहे हैं). आँख खोली तो देखा पापा सामने खड़े थे. हमें खोजते हुए वो यहाँ तक पहुंचे थे. बहुत सारा खाने का सामान पापा साथ लाये थे... उन्होंने हमें रेस्क्यू किया.. रस्ते भर वो मास्साब को फटकार लगाते रहे. ऐसी कई यादें हैं नए साल को लेकर, जो कभी फिर प्रसंग वश शब्दों में उतारी जायेगी.

 
       बहरहाल वर्ष के इस अंतिम दिन पिछला वर्ष मेरे सामने है क्या खोया क्या पाया वाले अंदाज़ में. मेरे देखे इस दुनिया में कुछ भी खोने जैसा नहीं है क्यूंकि खाली हाथ ही तो आये थे इस दुनिया में..... और खाली हाथ ही जाना है . लेकिन इस आने और जाने के क्रम में जीवन पथ पर बढ़ते जाना और हर क्षण कुछ नया सीखना महत्वपूर्ण है. महत्वपूर्ण यह भी है की हम बेहतर और बेहतर होते चले जाएँ और अपने आप को जान सकें.
      
         सीखना एक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है. जीव गर्भ में आने के साथ ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है. धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है. इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं.

          जीवन पथ में जो कुछ भी मिला है आज उसका शुक्रिया अदा करता हूँ और जो कुछ भी आने वाला है मुस्कुराकर उसका स्वागत करने को तैयार हूँ ....

बकौल कुंवर बेचैन साहब :
“चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया
पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया.

जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए
ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया.

आतीं न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ
दीवारों,
मेरी राह में आने का शुक्रिया.

सूखा पुराना ज़ख्म नए को जगह मिली
स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया.”

आज बचे हुए शेष जीवन का पहला दिन है ......


(c) मनमोहन जोशी 

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Nice sir....this is gonna help me a lot.Thank you so much sir.

MJ Sir Ki Diary ने कहा…

Stay blessed dear Harshita...

Kartik singh ने कहा…

nice sir

MJ Sir Ki Diary ने कहा…

Thanx Kartik..