कुआलालंपुर एअरपोर्ट |
कुआलालम्पुर 25 - 0ct - 2017
सुबह
के 7 बजकर 40 मिनट हो रहे हैं हम कुआलालम्पुर एअरपोर्ट पर लैंड करते हैं... मैं
ध्यान से अनाउंसमेंट सुनता हूँ,
बैगेज बेल्ट नंबर E
पर मिलेगा. हम फ्लाइट से उतर कर चल देते हैं, बैगेज
नंबर E की तलाश में. कुआलालम्पुर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कदम रखते
ही मुझे लगा कि मैं यूरोप,
आस्ट्रेलिया या अमेरिका जैसे किसी विकसित देश की धरती पर खड़ा हूं.
क्रोम और शीशे से बना यह हवाई अड्डा विश्व के सबसे आधुनिक हवाई अड्डों में एक है.
चमकते हुए ग्रेनाइट के फर्श,
नवीनतम तकनीक से लैस सभी सुविधाएं तथा डयूटी फ्री सामानों से भरी
चमचमाती हुई दुकानें यहां आने वाले हर पर्यटक को सहज ही प्रभावित कर लेती होंगी.
लगभग 15 से 20 मिनट चलने के बाद भी बैगेज
काउंटर नहीं मिलता,
एअरपोर्ट बहुत ही विशाल है. आगे जाकर एअरपोर्ट के एक कर्मचारी से
पूछता हूँ वह बताता है,
“यू हेव टु गो बाई ट्रेन, ऐट दी फर्स्ट स्टॉप यू कैन आस्क फॉर दी बैगेज.” एअरपोर्ट
इतना विशाल है कि एअरपोर्ट के भीतर ही
मोनो रेल की कनेक्टिविटी है. फर्स्ट स्टोपेज पर पहुँच कर फिर हमें कुछ दूर चलना
पड़ता है..... सामने बहुत सारे काउंटर्स दिखाई पड़ते हैं जहाँ कस्टम और इमीग्रेशन के
अधिकारी जांच और पूछ-ताछ कर रहे हैं. विभिन्न देशों के सैकड़ों लोग कई काउंटर्स पर
लाइन में खड़े हैं. हम भी खड़े हो जाते हैं. लगभग डेढ़ घंटे की प्रक्रिया के बाद हमें
अपने बैग मिलते हैं.
बाहर निकलने पर कई लोग दिखाई पड़ते हैं जो हाथों में तख्तियां लिए खड़े
हैं. एक तख्ती पर मुझे मेरा नाम भी दिखाई पड़ता है. हिदयाह नाम की जो लड़की ये तख्ती
लेकर खड़ी है मुझसे पूछती है क्या आप सिंगापुर की फ्लाइट से आ रहे हैं? मैं कहता
हूँ नहीं मैं मलेशिया एयरलाइन्स से आ रहा हूँ. कुछ क्लेरिफिकेसन के बाद यह क्लियर
हो जाता है कि वो हमारा ही इंतज़ार कर रही
है. वो हमें एक ड्राईवर से मिलाती है. ड्राईवर का नाम शिवा है जो हमें अपनी गाडी
तक ले जाता है . क्या देख रहा हूँ ! टैक्सी में सारी मर्सिडीस की गाड़ियां खड़ी हैं.
एक गाडी में शिवा हमें बिठाता है. रस्ते में शिवा हमें हमारा टूर प्लान समझाता
चलता है. शिवा एक मलय है जिसके पूर्वज उन्नीसवीं सदी में दक्षिण भारत से मलेशिया
में जा कर बस गए थे.
शिवा को इंग्लिश अच्छी आती है उसके अनुसार यहाँ जो भी पढ़े लिखे लोग
हैं वो इंग्लिश की थोड़ी बहुत जानकारी तो रखते ही हैं , लेकिन साइन बोर्ड और बाकी सभी
चीज़ें मलय भाषा में ही मिलेंगी. उसके अनुसार हमें होटल पहुँचने में लगभग एक घंटे
का समय लगेगा.... मैं और श्रीमती जी गाडी से बाहर इस साफ सुथरे और हरे भरे शहर को
एक तक निहारने लगते हैं.
मैं मलेशिया के बारे में जो कुछ थोड़ी बहुत जानकारी रखता हूँ, मेरे मन
के पटल पर उभरने लगते हैं. मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक उष्णकटिबंधीय
देश है. यह दक्षिण चीन सागर से दो भागों में विभाजित है. मलय प्रायद्वीप पर स्थित
मुख्य भूमि के पश्चिम तट पर मलक्का जलडमरू और इसके पूर्व तट पर दक्षिण चीन सागर है.
देश का दूसरा हिस्सा, जिसे कभी-कभी पूर्व मलेशिया के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण चीन सागर में बोर्नियो द्वीप के उत्तरी भाग पर स्थित है. मलय
प्रायद्वीप पर स्थित कुआलालंपुर देश की राजधानी है, लेकिन
हाल ही में संघीय राजधानी को खासतौर से प्रशासन के लिए बनाए गए नए शहर पुत्रजया
में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह 13 राज्यों से बनाया गया एक एक संघीय राज्य है.
मलेशिया में चीनी, मलय और भारतीय जैसे विभिन्न जातीय समूह
निवास करते हैं. यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, लेकिन
शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में ज्यादातर अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है.
मलेशिया में 130 से अधिक बोलियां बोली जाती हैं.
मलेशिया, चीन और भारत के बीच प्राचीन काल से व्यापारिक केंद्र था. जब यूरोपीय
लोग इस क्षेत्र में आए तो उन्होंने मलक्का को महत्वपूर्ण व्यापार बंदरगाह बनाया.
कालांतर में मलेशिया ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश बन गया. इसका प्रायद्वीपीय
भाग 31 अगस्त 1957 को फेडरेशन मलाया के रूप में स्वतंत्र हुआ. 1963 में मलाया,
सिंगापुर और बोर्नियो हिस्से साथ मिलकर मलेशिया बन गए.1965 में सिंगापुर ने अलग होकर अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की.
मलेशिया में 13 राज्य हैं और तीन संघीय प्रदेश है. देश का प्रमुख
यांग डी-पेर्तुआन अगांग के रूप में जाना जाता है, जिसका
अर्थ है "मलेशिया का राजा". मलेशिया में शासन के प्रमुख प्रधानमंत्री हैं.
इसकी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है और यह दक्षिण पूर्व एशिया में एक अपेक्षाकृत
समृद्ध देश है. देश के प्रमुख शहरों में कुआलालंपुर, जॉर्ज
टाउन, ईपोह और जोहोर बाहरु हैं.
शहर को निहारते हुए कब होटल पहुँच गए पता ही नहीं चला. हम होटल ग्रैंड कॉन्टिनेंटल में प्रवेश करते हैं जो यहाँ शहर के बीचों बीच पेट्रोनास टावर से कुछ दूर स्थित है. हमें जो कमरा मिला है यहाँ से पेट्रोनास टावर साफ़ दिखाई पड़ते हैं यही तो मलेशिया की पहचान हैं.
होटल की खिड़की से पेट्रोनास टावर का एक दृश्य |
क्रमश: .................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें