Diary Ke Panne

रविवार, 18 फ़रवरी 2018

फेसबुक - समय की बर्बादी??

              
                   
                मेरा पहला सोशल मीडिया अकाउंट ऑरकुट में था. याद आता है 2005 में मैंने ये अकाउंट बनाया था, जिसे कभी भी डिलीट नहीं किया गया. फेसबुक शुरू होने के बाद ऑरकुट की विदाई का दौर आया और 2014 में ऑरकुट बंद कर दिया गया था. ऑरकुट बंद होने के बहुत पहले ही वर्ष 2008-09 में मैंने फेस बुक में प्रवेश किया. वैसे फेसबुक की शुरुआत मार्क ने 2004 में ही कर ली थी. मैं इस तक या ये मुझ तक थोड़ी देर से पहुंचा.
          
              बहरहाल विषय प्रवेश करते हैं. क्या फेसबुक पर होना समय की बर्बादी है?? मैं कुछ गुणी विद्यार्थियों से मिलता हूँ जो ये बताते हैं की हमने सारे सोशल मीडिया एकाउंट्स और मेसेंजर्स अनइंस्टाल्ड कर दिए हैं क्यूंकि इनसे समय बर्बाद होता है. कुछ बुद्धिमान, विद्यार्थियों को ये समझाइश देते हुए भी मिलते हैं की फेसबुक और whatsapp  समय को बर्बाद करते हैं और समय की बर्बादी ही तुम्हारी बर्बादी है.

              एक कहानी याद आ रही है जो सभी ने बचपन में पढ़ी होगी.  एक मुर्ख बन्दर के हाथ में छुरा दे दिया जाता है जिससे वह अपनी गरदन काट लेता है . गलती किसकी है ??  छुरे की ही होगी .... क्या कहा छुरे की गलती नहीं है तो फिर फेसबुक कैसे खराब हुआ. ये तो हम हैं जो किसी चीज़ का उपयोग करते हैं, अच्छा या बुरा. अर्थात यदि हम सही हैं तो ग़लत चीज  का सही उपयोग कर सकते हैं. फिर फेसबुक तो कमाल का प्लेटफार्म है.

             किसी बुद्धिमान ने एक मेसेज भेजा था, “क्या ज़माना आ गया है,फेसबुक पर 5000 मित्र हैं और परिवार में बोलचाल बंद है.” या ऐसी टिप्पणियाँ देखने के लिए मिलती है, “जो लोग सोशल मीडिया पे ज्यादा सोशल हैं वो रियल लाइफ में सोशल नहीं दिखते.” वगैरह – वगैरह. इन टिप्पणियों से लगता है जैसे फेसबुक आने से पहले लोग बहुत सोशल थे. या परिवार मे आपसी लडाइयां नहीं होती थीं. या इन्सान एक दम क्रिएटिव और सोशल था. ऐसा कुछ भी नहीं है. गलत बातें फैलाई जा रही हैं. जो क्रिएटिव है वो हर देश काल में क्रिएटिव है.

             मुझे याद आता है, रिश्तेदारों को समय काटने वाले पत्थर की तरह उपयोग करना मुझे कभी पसंद नहीं रहा. मैं किताबों या कॉमिक्स में ही रमता था. मित्र जिनसे रोज़ मिलना जुलना हो, हमेशा से सीमित मात्रा में रहे (आज भी सीमित मात्रा में ही हैं). पहले मैं पेन फ्रेंड बनता था, बहुत सारे. अब अंतर यह है कि उनकी जगह पहले ऑरकुट फ्रेंड्स ने और अब फेसबुक फ्रेंड्स ने ले लिया है.

              फेसबुक को लेकर एक और बात देखने में आती है, कुछ लोग ख़ास कर लडकियां किसी अपराधिक आशंका के चलते अपना फोटो फेसबुक पर नहीं लगाती हैं . टेडी बेयर या एक टेढ़ा गुलाब का फूल इसकी जगह लगा दिया जाता है. कुछ लड़के और लडकियां जो स्वयं की सूरत को कमतर समझते हैं वो भी किसी और की तस्वीर प्रोफाइल में लगाते हैं.क्या सही है?
             
               मुझे एक रोज़ whatsapp पे मेसेज मिला (कभी आपको भी मिला हो) मेसेज कुछ यूँ था – “यदि आपकी बहन, पत्नी, माँ या किसी महिला रिश्तेदार का फेसबुक प्रोफाइल है तो तुरंत उसमें से उनकी तस्वीर हटा लेने के लिए कहें. क्यूंकि कुछ लोग इन फोटोग्राफ्स का ग़लत उपयोग सॉफ्टवेर के माध्यम से कर रहे हैं.” इस मेसेज को घुमा दो. मैंने उस बन्दे को रिप्लाई किया, - “दोस्त, “ सुषमा स्वराज मेरी रिश्तेदार हैं और दीपिका पादुकोण मेरी मित्र इनके फोटोग्राफ्स कहाँ से हटवा दूं.” उन मित्र का रिप्लाई आज तक नहीं आया. ये वही लोग हैं जो पहले महिलाओं को कहते रहे की तुम्हें घर से नहीं निकलना है या निकलो तो घूंघट या बुर्का डालकर. 

जो लोग अपने आपको कमतर समझकर अपनी फोटो अपलोड नहीं करते उनके लिए तो केवल एक ही सन्देश है , “यू आर द मास्टरपीस क्रिएटेड बाई दी ऑलमाइटी.” उबरो . यदि आप स्वयं का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरा कैसे करेगा.  

                 फेसबुक एक आभासी दुनिया है ऐसा विद्वान कहते हैं. जो लोग इसे रियल मान कर बैठे हैं उन्हें ऐसी बातें करने वाले लोग नहीं भाते. लेकिन जो लोग फेसबुक को आभासी बता रहे हैं उनको भी ये जानना चाहिए की जिस दुनिया में वे हैं वो भी आभासी ही है. पूछिए किसी वेदांती से. तुलसी ने भी लिखा है “जगत सब सपना.” विज्ञान भी अब वहीँ पहुँच गया है . पूछिए किसी क्वांटम फिजिक्स के जानकार से. सब कुछ आभासी है. मायाजाल.  लेकिन मजे की बात ये है की जिसे आप वास्तविक समझ रहे हैं उस दुनिया में जो कुछ भी आप कर रहे हैं उसका लेखा जोखा रखा जा रहा है (एक मान्यता के अनुसार), चित्रगुप्त के द्वारा. और जिसे आप आभासी दुनिया समझ रहे हो वहाँ भी आप जो कुछ कर रहे हैं उसका लेखा-जोखा रखा  जा रहा है . तकनिकी शब्दावली में इसे डिजिटल फुटप्रिंट कहते हैं.

✍️MJ

4 टिप्‍पणियां:

  1. Dear mj sir mjhe apke inspiration thoughts bhot ache lagte hai mein apse mili to nhi hu but ummid rakhti hu kbi apse milna ho jiwan mein ap yu hi hame nyi chije sikhate rhe

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  2. प्रिय पीहू,

    शुक्रिया आपके इस स्नेहिल संदेश के लिए।। खुश रहो।।

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    1. सर आप हमारे आदर्श है एक साल से फॉलो कर रहा हूँ जीवन सफल हो गया है आपको पाकर

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  3. क्या आपको अपने बिलों का भुगतान करने, घर खरीदने, पुनर्वित्त या कार खरीदने के लिए एक नया व्यवसाय, व्यक्तिगत ऋण बनाने के लिए तत्काल ऋण की आवश्यकता है ?? आदि।
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